इस्लाम में तलाक का नियम क्या है - What are the Rules of Talaq in Islam ?
What are the Rules of Talaq in Islam ? : तलाक देने के बाद उसको कैसे वापस अपने निकाह में ला सकते हैँ, हलाला किस तरह किया जाता है,तीन तलाक़ एक साथ देना कैसा है, इस पोस्ट में इसी के बारे में पूरा डिटेल है एक तरफ से Read करेंगे तों पूरी बात समझ आजायेगी
इस्लाम में तलाक का नियम क्या है What are the Rules of Talaq in Islam ?
तलाक़ की जरुरत कब पेश आती है तलाक का वजूद खास खास दुशवारियों कों हल के लिए जरुरी है और उस वक़्त तलाक की जरुरत ऐसी हो जाती है जैसे किसी इंसान के जिस्म में ऐसा मादा पैदा हो जाता है जिसको काटना बहुत जरुरी हो जाता है अगर चे जिस्म के हिस्से कों काटना बहरे हाल नापसंदीदा समझा जाता है
उसी तरह तलाक देना लेना अगर चे नापसंदीदा समझा जाता है लेकिन कभी कभी पति और पत्नी में ऐसा मामला पेश हो जाता है जिसके सबब पति और पत्नी एक साथ रह नहीं सकते उस वक़्त तलाक की जरूरत होती है जिससे पति और पत्नी शादी के सम्बन्ध से आजाद हो जाएं
तलाक की कितने किसमें है,
तलाक की तीन किसमें हैँ ( यानि तरीका )पहला हैं (1) तलाके रजई (2) तलाके बायेन (3) मोगलजा
(1) तालाके रजई क्या है
तालाके रजई ये है के जिसमे पति कों एखतेयार होता है के वो चाहे तों इददत के अंदर पत्नी कों अपने निकाह में लौटाले दोबारा निकाह कई जरुरत नहीं लेकिन इददत ख़त्म होते ही पत्नी उसके निकाह से निकल जाती है अब अगर रखना चाहे तों उसको फिर नये से निकाह और महर अदा करना होगा
(2) तालके बायेन क्या है
तलाक की दूसरी किस्म बायेन है इसका मतलब है पति ऐसा लफ्ज इस्तेमाल करें जिससे औरत का निकाह फ़ौरन टूट जाए और वह उसके निकाह से निकल जाए अब अगर ओ पत्नी कों रखना चाहे तों उसको दोबारा निकाह करना पड़ेगा और फिर से नये महर भी अदा करना होगा
तालाके बायेन कैसे होती ?
जैसे पति ने अपनी पत्नी से कहा के मैं तुझे तालाके बायेन दिन या गुस्से में लफ्जो केनाया का इस्तेमाल किया ( जैसे जा,चल,निकल,रास्ता नाप घर से बाहर निकल रवाना हो दफा हो बिस्तर उठा वगैरह ये सब अल्फाज तलाक की नियत से कहे तों तलाके बायेन होंगी और अगर औरत तलाक मांग रही हो और उसपर पति ने ऐसे लफ्ज इस्तेमाल किये तों बगैर नियत के भी तलाके बायेन पड़ जायेगी
(3) तलाके मोगल्लजा क्या है ?
तलाके मोगलजा ये है के औरत कों तीन तलाक देदे चाहे एक लफ्ज इस्तेमाल करे मैंने तुझे तीन तलाक़ दी या अलग अलग लफ्ज इस्तेमाल करे और अब इस सूरत औरत कों वापस रखना चाहे तों बगैर हलाला किये अपने निकाह में नहीं रख सकता
औरत कों तलाक के बाद वापस लाने का सुन्नत तरीका
तलाक के साफ अल्फाज कहा जैसे तुझे तलाक दी एक बार या दो बार कहा तों ये तलाके रजई है ऐसी सूरत में पत्नी कों वापस रखने के लिए वापस करने का मसनून तरीका ये है के किसी लफ्ज से वापस करे यानि कोई ऐसा लफ्ज बोले जिससे ओ खुश हो जाये और राजी हो जाये और वापस करते समय दो आदिल गवाहों कों रखे और औरत से ये भी कहदे की इद्ददत के बाद किसी और से निकाह ना करे
और अगर इस तरह नही किया यानि गवाह नहीं रखा या पत्नी कों खबर नहीं दिया तों भी वापसी हो गई निकाह में आ गई लेकिन खिलाफे सुन्नत हुई और अगर पत्नी से संबंध करके अपने निकाह में वापसी की मसलन उससे सम्बन्ध किया या बोसा लिया तों भी उसके निकाह में वापस हो गई मगर मकरूह है उसे चाहिए के दो गवाहों के सामने अपनी पत्नी कों अपने निकाह मे लौटने के अल्फाज कहे
हलाला किस तरह किया जाता है,
हलाला की सूरत ये है के अगर उसका शौहर उसके साथ सम्बन्ध कर चूका है तों तलाक की इददत पूरी होने के बाद औरत किसी और के साथ निकाह करे और जिससे निकाह करे यानि उसका दूसरा पति उसके साथ सम्बन्ध बनाये सम्बन्ध बानाने के बाद तलाक दे या फिर उसकी मौत हो जाए तो इददत गुजारने के बाद अब पहले पति के साथ निकाह हो सकता है
तलाक देने के कितने तरीके हैँ ?
तलाक देने के तीन तरीके है (1) तलाके अहसन (2) तलाके हसन (3) तालके बिदई
(1) तलाके अहसन : सबसे बेहतर तलाक ये है के पाकी के दिनों में जिसमे उससे सम्बन्ध न किया गया हो एक तलाक दे कर छोड़ दे इददत पूरी होने के बाद औरत खुद निकाह से बाहर हो जायेगी
(2) तलाके हसन : बेहतर ठीक ये है हालाते हैज के फ्रागत के बाद पाकी के दिनों में जबकि सम्बन्ध न बनाया हो एक तलाक दे फिर हैज़ आया दूसरी पाकी में दूसरी तलाक दे फिर हैज़ आया फिर तीसरी पाकी में तीसरी तलाक देकर रुख़सत करदे
(3) तलाके बिदई : तलाक का बुरा तरीका या नया तरीका ये के हैज़ की हालत में तलाक देना पाकी की हालत में जबकि सम्बन्ध बना लिया हो फिर तलाक देना या पाकी के दिनों में एक साथ तीन तलाक देना
तीन तलाक़ एक साथ देना कैसा है,
तीन तलाक एक साथ देना सुन्नत के खिलाफ है लेकिन तीनो तलाके वाकई हो जायेगी और पति उसके सबब गुनहगार होगा और उस पर तौबा करना वाज़िब है इस मस अला में पूरी उम्मत का इजमा है मजहबे हंफी शाफई मालिकी और हमबली चारो अइम्मा के नजदीक
एक मजलिस में तीन तलाक देने से भी तीनो तलाके वाकई हो जाती है चाहे एक मर्तबा में तीनो तलाक कहे मैं तुझे तीन तलाक देता हूं या अलग अलग जुमलों कहा के मैंने अपनी पत्नी कों तलाक दी तलाक दी तलाक दी इन सब सुरतों में तलाक वाकई हो जाएगी
आशा करते है ये आर्टिकल पसंद आया होगा अगर पसंद आये comment और Share जरूर करें इस आर्टिकल सारी बाते क़ुरआनो हदीस की रौशनी में लिखी गई है
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