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नेहायत एहतराम के साथ बुराक पर सवार किया गया रसूले अकरम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम रातों रात मक्का शरीफ से बैतूल मुकद्दस पहुंचे नबी अकरम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम का इस्तकबाल किया नबी अकरम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने इमामत फरमाई शबे मेराज की रात नबी अकरम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम सारे आसमानों की सैर फरमाई और उसके अजायेबात देखे :
शबे मेराज की रात मेहरबान आका नबी अकरम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम हर हर आसमान पर अम्बियाए केराम अलैहिमुस्सलाम से मुलाक़ात फरमाई शबे मेराज की रात नबी अकरम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम सिद्रतुल मुन्तहा पर भी गए उस मक़ाम पर पहुँच कर जिब्रिले अमिन अलैहिस सलाम ने आगे जाने माजेरत करली
(5) पांच नमाजों की सूरत में हम पर फर्ज किया गया शबे मेराज की रात नबी अकरम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने जन्नत और दोजख का मोलाहिजा फरमाया शबे मेराज की रात करीम आका सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम को अल्लाह तआला का क़ुरब हासिलहुआ शबे मेराज की रात नबी अकरम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लमने सर की आँखों से रब्बे करीम का दीदार किया |
इस्लाम में शब ए मेराज क्या है?- और शबे मेराज क्यों मनाया जाता है?
शब-ए-मेराज की रात को पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम को अल्लाह से मिलने की यात्रा की याद में मनाया जाता है. ( यानि हुजुर सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम मेराज की रात में अल्लाह ताआला का दीदार किये और पूरी उम्मत के लिए अल्लाह ताला ने दिन में 5 वक्त की नमाज की शकल में मोमिनो को तोहफा अता फ़रमाया |
Shab-E-Meraj The Complete Story - शब ए मेराज का Complete वाकिया
Shab-E-Meraj The Complete Story - शब ए मेराज का Complete वाकिया
Shab E Meraj History, : शबे मेराज की रात प्यारे आका सल्ल्ललाहो अलैहे वसल्लम को एक एक अजीम मोजेजा अता हुआ | शबे मेराज की रात तमाम फरिश्तो के सरदार हजरत स्य्येदना जिब्रील अलैहिस सलाम नबी अकरम सल्ललाहो अलैहिस सलाम की खिदमत अक्दस में इन्तेहाई तेज रफ्तार सवारी बुराक ले कर हाजिर हुए आका करीम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम को दूल्हा बनाया :नेहायत एहतराम के साथ बुराक पर सवार किया गया रसूले अकरम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम रातों रात मक्का शरीफ से बैतूल मुकद्दस पहुंचे नबी अकरम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम का इस्तकबाल किया नबी अकरम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने इमामत फरमाई शबे मेराज की रात नबी अकरम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम सारे आसमानों की सैर फरमाई और उसके अजायेबात देखे :
शबे मेराज की रात मेहरबान आका नबी अकरम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम हर हर आसमान पर अम्बियाए केराम अलैहिमुस्सलाम से मुलाक़ात फरमाई शबे मेराज की रात नबी अकरम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम सिद्रतुल मुन्तहा पर भी गए उस मक़ाम पर पहुँच कर जिब्रिले अमिन अलैहिस सलाम ने आगे जाने माजेरत करली
शबे मेराज की रात खुसूसी इनआमात
शबे मेराज की रात रसूले अकरम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम उस मकाम पर भी पहुंचे जहाँ अक्ल की भी रसाई नहीं शबे मेराज की रात नबी अकरम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम को खुसूसी इनामात अता हुए शबे मेराज की रात रसूले अकरम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम को शुरू में 50 वक्त की नमाजो तोहफा अल्लाह करीम की बारगाह से अता हुआ जो कम होने के बाद :(5) पांच नमाजों की सूरत में हम पर फर्ज किया गया शबे मेराज की रात नबी अकरम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने जन्नत और दोजख का मोलाहिजा फरमाया शबे मेराज की रात करीम आका सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम को अल्लाह तआला का क़ुरब हासिलहुआ शबे मेराज की रात नबी अकरम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लमने सर की आँखों से रब्बे करीम का दीदार किया |
इस्लाम में शब ए मेराज क्या है?- और शबे मेराज क्यों मनाया जाता है?
शब-ए-मेराज की रात को पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम को अल्लाह से मिलने की यात्रा की याद में मनाया जाता है. ( यानि हुजुर सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम मेराज की रात में अल्लाह ताआला का दीदार किये और पूरी उम्मत के लिए अल्लाह ताला ने दिन में 5 वक्त की नमाज की शकल में मोमिनो को तोहफा अता फ़रमाया |
मेराज का सफर कितने साल का था
अल्लाह के नबी मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम को जब अल्लाह ने मेराज की रात को बुलाया तो साल तो दूर की बात है पलक पलक झपकते ही खोदा खोदा वनदे कुद्दुस की बारगाह में पहुँच गए और अल्लाह ताआला का दीदार किये और फिर तशरीफ़ ले आये |क्या कुरान में मिराज का जिक्र है?
अल्लाह तआला ने कुरान माजिद के 15 पारे यानि सुरह बनी इसराइल की पहली आयत में शबे मेराज की रात का जिक्र फ़रमाया है ( कुरान की आयत है ( जिसका तर्जमा है ) पाकी है उसे जो रातो रात अपने बन्दे को ले गया मस्जिदे हराम (यानि खाना काबा ) से मस्जिदे अक्सा (यानि बैतूल मुकदस )तकशब ए मेराज पर मुसलमान क्या करते हैं?
शबे मेराज की रात में तमाम मुसलमान अल्लाह ताला की इबादत करते हैं यानि न्वाफिल नमाज पढ़ते हैं और कुराने पाक की तिलावत करते है और अल्लाह ताला का जिक्र कसरत से किया करते हैं और अपने गुनाहों की मगफिरत की दुआएं करते हैं |शबे मेराज में कितनी रकात नमाज होती है?
शबे मेराज की रात में ऐसे तो जितनी चाहे न्वाफिल नमाज पढ़ सकते हैं लेकिन जेयदा तर लोग 12 बारह और 8 आठ और कुछ लोग जो अल्लाह ताला की जेयदा जिक्र करने वाले होते हैं वह 20 रकत तक पढ़ते हैं आप भी जितनी चाहें पढ़ सकते शबे मेराज की रात अफजल रात अल्लाह ताला ने इसी रात में तमाम मुसलमानों के लिए तोहफा अता लिया है नमाज ही की शकल में |इस लिए इस रात में जेयादा से जेयदा नमाजे और अल्लाह का जिक्र करें दिनों दुन्याँ में कामयाबी मिलेगी |
शब ए मेराज किस तारीख को है ? - Shab E Meraj 2024 in India
हमारे मुल्क इंडिया में 27 जनवरी 2025 को शब ए-मेराज मनाया जाएगा. |
( शब ए-मेराज Islamic Date )
और इस्लामिक परंपरा के अनुसार, यह विशेष कार्यक्रम इस्लामिक महीनो के तारीख के मुताबिक 27 रजबुल मुरज्ज्ब के दिन मनाया जाता है।
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