Namaz
नमाजे इशराक पढने वाले को पुरे हज और उमरा का सवाब मिलता है और उसके सारे गुनाह बख्श दिए जाते हैं |
इस नमाज को भी आम नमाजे नफ्ल की तरह अदा किया जाता है इसमें सिर्फ वक्त का फरक है |
Q2. इशराक की नमाज़ कितनी रकात है?
हदीसे पाक में दो रकअत का जिक्र आया है इसलिए सिर्फ दो रकअत अदा करें नमाजे इश्राक़ की निय्यत से और बाक़ी अल्लाह ताला के रजा के लिए और भी न्वाफिल पढ़ सकते हैं |
Q3. इशराक की नमाज़ कितने बजे होती है?
सूरज निकलने के 20 या 25 मिनट बाद से लेकर पुरे सूरज बुलंद होने तक का समय रहता है आप उसी समय में अदा कर सकते हैं |
Q4. इशराक की नमाज में कौन से सूरह पढ़ना है?
इशराक की नमाज में कोई भी सुरह पढ़ सकते हैं कोई भी सुरह इस नमाज के लिए ख़ास नहीं किया गया है आप जो चाहें पढ़ सकते हैं |
Q5. इशराक की नमाज के नियम क्या हैं?
इसके निय्यम अलग नहींबी है पांच वक़्त की नमाजों में जो नफिल पढने का नियम है वही नियम इस नमाज का भी है |
Q6. क्या मैं घर पर इशराक की नमाज अदा कर सकता हूं?
इशराक की नमाज घर या मस्जिद कहीं भी अदा कर सकते हैं इसकी कोई कैद नहीं है के घर में पढ़े या मस्जिद में
Q7. इशराक में नवाफिल कितने हैं?
इशराक की नमाज में दो रकअत ही नफ्ल है|
Q8. क्या हम इशराक के समय फज्र की नमाज अदा कर सकते हैं?
हाँ कर सकते हैं लेकिन आपकी फज्र की नमाज जो उस दिन क़ज़ा हुई वही अदा होगी |
Q9. इशराक नमाज के क्या फायदे हैं?
इशराक की नमाज पढने से हज और उमराह का सवाब मिलता है और गुनाहों की बख्शीश की जाती है |
Q10. इशराक़ नमाज़ सुन्नत है या नफ़ल ?
इशराक की नमाज नफल है सुन्नत फर्ज वाजिब नहीं है |
Q11. क्या इशराक़ और चश्त की नमाज़ एक ही है?
नहीं दोनों अलग अलग है|
Q12. इशराक की नमाज में कितनी रकात पढ़ी जाती है?
इशराक की नमाज में दो रकअत पढ़ी जाती है |
Q13. फज्र और इशराक के बीच सो सकते हो?
फज्र और इशराक नमाज के बिच नहीं सो सकते हाँ लेकिन अगर सोयें भी हैं तो अल्लाह का जिक्र करता रहे और जबान से कोई भी गलत अल्फाज नहीं निकाले वरना मुकम्मल सवाब नहीं मिलता
Ishraq Ki Namaz Ka Mukammal Tarika in Hindi - नमाजे इशराक पढने का मुकम्मल तरीका
Ishraq Ki Namaz Ka Mukammal Tarika in Hindi
What is Namaz Ishraq - नमाज इशराक क्या है ?
नमाजे इशराक अदा करने का समय क्या है ?
सूरज निकलने के 20 या 25 मिनट बाद से लेकर पुरे सूरज बुलंद होने तक का समय रहता है |
नमाजे इशराक में कितनी रकअत है ?
हदीसे पाक में नमाज इशराक की दो रकअत ही जिक्र है |
नमाजे इशरक पढने के फायेदे क्या है ?
नमाजे इशराक पढने वाले को पुरे हज और उमराह करने का सवाब मिलता है और उसके सारे गुनाह बख्श दिए जाते है आगर चे गुनाह समंदर के झाग के बराबर हो |
नमाज इशराक पढने की नियत हिंदी में
नियत कि मैंने दो रकअत नमाजे इशराक की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के मुहं मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
नमाज इशराक पढने की नियत अरबी में
नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला रकअतइ सलातिन नफ्ली मुतवज्जीहन इल्लाजिहतिल काअबतिश शरीफती अल्लाहू अकबर।
नमाजे इशराक पढने का मुकम्मल तरीका
Step 1. सबसे पहले नियत करें
Step 2. इसके बाद सना पढ़ें
Step 3. इसके बाद सुरह फातिहा जो आम नमाज में पढ़ते है उसके साथ कोई भी सुरह मिलाएं
Step 4. उसके बाद आम नमाजों की तरह रुकुअ और सजदा करें फिर खड़ा हो जायें
Step 5. इसके बाद बिस्मिल्लाह पढ़ कर फिर वही सुरह फातिहा और कोई भी सुरह मिलाएं और रुकूअ सजदा करके बैठ जाएँ और आम नमाज में जो तहिय्यात दुरुद और दोआये मासुरह पढ़ते हैं वह पढ़ कर सलाम फेर दें
Step 6. इसके बाद जो दोआयें करना करें यहाँ तक आपकी इशराक की नमाज मुकम्मल हो जाती है |
Step 2. इसके बाद सना पढ़ें
Step 3. इसके बाद सुरह फातिहा जो आम नमाज में पढ़ते है उसके साथ कोई भी सुरह मिलाएं
Step 4. उसके बाद आम नमाजों की तरह रुकुअ और सजदा करें फिर खड़ा हो जायें
Step 5. इसके बाद बिस्मिल्लाह पढ़ कर फिर वही सुरह फातिहा और कोई भी सुरह मिलाएं और रुकूअ सजदा करके बैठ जाएँ और आम नमाज में जो तहिय्यात दुरुद और दोआये मासुरह पढ़ते हैं वह पढ़ कर सलाम फेर दें
Step 6. इसके बाद जो दोआयें करना करें यहाँ तक आपकी इशराक की नमाज मुकम्मल हो जाती है |
नमाजे इशराक की दुआ
नमाजे इशराक में आप कोई भी दुआ कर सकते हैं या आप जो नमाज में दुआ पढ़ते हैं वो भी पढ़ सकते हैं और अपने खेशो अकारिब के लिए और अपनी मगफिरत के लिए दोआयें कर सकते हैं |
नमाजे इशराक की फजीलत हदीसे पाक की रौशनी में |
हदीसे पाक में है के :- रसूले पाक सल्ललाहो अलैहे व सल्लम ने फरमाया जो नमाजे फज्र बा जमाअत अदा करके अल्लाह ताअला का जिक्र करता रहे यहाँ तक के सूरज बुलंद हो गया फिर दो रकअतें पढ़ें तो उसे पुरे हज और उमराह का सवाब मिलेगा |
( नमाजे इशराक पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न FAQs On Namaz Ishraq )
Q1. इशराक की नमाज़ कैसे पढ़ते हैं?
इस नमाज को भी आम नमाजे नफ्ल की तरह अदा किया जाता है इसमें सिर्फ वक्त का फरक है |
Q2. इशराक की नमाज़ कितनी रकात है?
हदीसे पाक में दो रकअत का जिक्र आया है इसलिए सिर्फ दो रकअत अदा करें नमाजे इश्राक़ की निय्यत से और बाक़ी अल्लाह ताला के रजा के लिए और भी न्वाफिल पढ़ सकते हैं |
Q3. इशराक की नमाज़ कितने बजे होती है?
सूरज निकलने के 20 या 25 मिनट बाद से लेकर पुरे सूरज बुलंद होने तक का समय रहता है आप उसी समय में अदा कर सकते हैं |
Q4. इशराक की नमाज में कौन से सूरह पढ़ना है?
इशराक की नमाज में कोई भी सुरह पढ़ सकते हैं कोई भी सुरह इस नमाज के लिए ख़ास नहीं किया गया है आप जो चाहें पढ़ सकते हैं |
Q5. इशराक की नमाज के नियम क्या हैं?
इसके निय्यम अलग नहींबी है पांच वक़्त की नमाजों में जो नफिल पढने का नियम है वही नियम इस नमाज का भी है |
Q6. क्या मैं घर पर इशराक की नमाज अदा कर सकता हूं?
इशराक की नमाज घर या मस्जिद कहीं भी अदा कर सकते हैं इसकी कोई कैद नहीं है के घर में पढ़े या मस्जिद में
Q7. इशराक में नवाफिल कितने हैं?
इशराक की नमाज में दो रकअत ही नफ्ल है|
Q8. क्या हम इशराक के समय फज्र की नमाज अदा कर सकते हैं?
हाँ कर सकते हैं लेकिन आपकी फज्र की नमाज जो उस दिन क़ज़ा हुई वही अदा होगी |
Q9. इशराक नमाज के क्या फायदे हैं?
इशराक की नमाज पढने से हज और उमराह का सवाब मिलता है और गुनाहों की बख्शीश की जाती है |
Q10. इशराक़ नमाज़ सुन्नत है या नफ़ल ?
इशराक की नमाज नफल है सुन्नत फर्ज वाजिब नहीं है |
Q11. क्या इशराक़ और चश्त की नमाज़ एक ही है?
नहीं दोनों अलग अलग है|
Q12. इशराक की नमाज में कितनी रकात पढ़ी जाती है?
इशराक की नमाज में दो रकअत पढ़ी जाती है |
Q13. फज्र और इशराक के बीच सो सकते हो?
फज्र और इशराक नमाज के बिच नहीं सो सकते हाँ लेकिन अगर सोयें भी हैं तो अल्लाह का जिक्र करता रहे और जबान से कोई भी गलत अल्फाज नहीं निकाले वरना मुकम्मल सवाब नहीं मिलता
क्यूंकि मुकम्मल सवाब के लिए नमाज फज्र के बाद से सूरज बुलंद होने तक अल्लाह ताअला का जिक्र करने वाले के हक में सवाब लिखा गया है |
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