Namaz
इस मोबारक शब में अल्लाह तआला अपनी रहमतों और बरकतों का नुजूल फरमाता है खोदाये तआला फरिश्तों की जमाअत को दुन्याँ में भेजता है इस लिए इस मोबारक रात में कुरान मजीद की तिलावत करनी चाहिए न्वाफिल पढना चाहिए
जब शब-ए-बरात आये तो दिन को रोजा रखो और रात को इबादत में मशगुल रहो के अल्लाह तआला गुरुबे आफताब से (यानि सूरज डूबने से )ही आसमाने दुन्या पर तजल्ली खास फरमाता है और फरमाने इलाही होता है खबरदार ?
और ख़ास तौर पर अपने खानदान वालों के साथ और अपने बच्चो के साथ इस रात जागें और इसाले सवाब करें अपने गुनाहों की माफ़ी मांगे अल्लाह ताअला से और सब के लिए बख्शीश की दुआ करें और कोशिश करें की अगर किसी का दिल दुखाया हो या जेयाद्ती की हो उसके माफ़ी तलब करें |
नोट :- जो शख्श की फर्ज नमाज कजा नहीं हुई है ओ नफिल नमाज इस तरह पढ़ सकते है निचे इस का तरिका दिया हुआ है |
अगर आप और पढ़ना चाहें तो इसी तरह दो दो रक्अत करके जितनी चाहें आप पढ़ सकते है और इस रात को खोदाये पाक की इबादतों रेयाजत में गुजारें फिर हर दो रकअत के बाद दुआ पढ़े तस्सबीह पढ़े बेहतर तस्बीह में तीसरा कलमा सौ मर्हतबा हर दो रकअत के बाद पढ़ ते जाएँ |
आश करते हैं ये जानकारी आपको अच्छी लगी होगी अगर अच्छी लागी है जरुर अपने दोस्तों और रिलेशन में शेयर करें टेक ओ भी इस रात का फायेदा उठायें और अल्ल्लाह पाक से दुआएं करें ?
Shab-e-Barat Ki Namaz Ka Tarika In Hindi - शब-ए-बरात की नमाज़ पढने का मुकम्मल तरीका
शब-ए-बरात की नमाज़ का मुकम्मल तरीका
What is Shab-e-Barat - शब-ए-बरात क्या है ?
अल्लाह ताआला ने उम्मते मोहम्मदिया को कई खुसूसी नुरानी रातें अता फरमाई है जिन में इबादत व रेयाजत बख्शीश व मगफिरत का और दुन्य व आखिरत में कामयाबी का जरया है उन्ही रातों में से एक नुरानी रात पंद्रहवीं शाबान की रात है इस शब को शब-ए-बरात के नाम से जाना जाता है
इस मोबारक शब में अल्लाह तआला अपनी रहमतों और बरकतों का नुजूल फरमाता है खोदाये तआला फरिश्तों की जमाअत को दुन्याँ में भेजता है इस लिए इस मोबारक रात में कुरान मजीद की तिलावत करनी चाहिए न्वाफिल पढना चाहिए
अपने गुनाहों से शर्मिंदा हो कर अल्लाह ताआला से सच्चे दिल से तौबा इस्तग्फार करना चाहिए ये ऐसी रात है के इस रात में दुआएं रद्द नहीं की जाती है |
शब-ए-बरात की फजीलत क्या ?
हजरते अमीरुल मोमेनीन अली इबने अबी तालिब रदी अल्लाहो तआला अन्हो से रवायत है के रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलाही व सल्लम ने फ़रमाया
जब शब-ए-बरात आये तो दिन को रोजा रखो और रात को इबादत में मशगुल रहो के अल्लाह तआला गुरुबे आफताब से (यानि सूरज डूबने से )ही आसमाने दुन्या पर तजल्ली खास फरमाता है और फरमाने इलाही होता है खबरदार ?
है कोई मगफिरत तलब करने वाला के मैं उसे बख्श दूँ खबरदार कोई रिजक मांगने वाला के मैं उसको रिजक अता फरमाऊँ ख़बरदार ? है कोई बीमारी से सेहत चाहने वाला के मैं उसे शिफा दूँ .खबरदार है कोई ऐसा ऐसा ये निदा फज्र तक होती रहती है |
शब-ए-बरात आने से पहले क्या करना चाहिए ?
बहरे शरीअत जो किताब लिखें हैं अल्लामा मुफ़्ती अमजद अली आजमी ओ अपनी किताब में फरमाते हैं के जिस शख्श को भी किसे से दुश्मनी हो तो शब-ए-बरात आने से पहले एक दुसरे की खता की यानि गलती को मआफ कर देंना चाहिए |
शब-ए-बरात को शब-ए-बरात क्यूँ कहते है
शब-ए-बरात को शब-ए-बरात इस लिए कहते हैं के शब के माअना रात और बारात के माअना छुटकारा हासिल करने के हैं यानि अल्लाह ताअला की रहमत से नहुत से मुसलमान इस रात को जह्न्म से छुटकारा पाते हैं इस लिए इस रात को शब-ए-बरात कहते हैं |
शब-ए-बरात के दिन क्या पढ़ना चाहिए
शब-ए-बरात की रात इबादत और वजीफ में से ये है के खोदाये पाक की तस्बीह करें वजीफा करें जिन के जिम्मा क़ज़ा नमाजे हों वह अपनी कजा नमाजे अदा करें जब तक कजा नमाजें आपकी जिम्मे हों उस वक्त तक न्वाफिल कुबूल नहीं होते ,
कुराने पाक की तिलावत करें और इस रात सभी बूढ़े बच्चे जवान को तंबीह करें (यानि सभी को इस रात अल्लाह ताअला की इबादत करने के लिए बोले और खुद भी करें
और ख़ास तौर पर अपने खानदान वालों के साथ और अपने बच्चो के साथ इस रात जागें और इसाले सवाब करें अपने गुनाहों की माफ़ी मांगे अल्लाह ताअला से और सब के लिए बख्शीश की दुआ करें और कोशिश करें की अगर किसी का दिल दुखाया हो या जेयाद्ती की हो उसके माफ़ी तलब करें |
नोट :- जो शख्श की फर्ज नमाज कजा नहीं हुई है ओ नफिल नमाज इस तरह पढ़ सकते है निचे इस का तरिका दिया हुआ है |
शब-ए-बरात की नमाज़ की निय्यत
नियत कि मैंने दो रकअत नमाज शब ए बरात की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
शब-ए-बरात की नमाज़ का तरीका हिंदी
Step 1. सबसे पहले निय्यत करें
Step 2. फिर सना पढ़े जो नमाज में पढ़ते हैं
Step 3. उसके बाद सुरह फातिहा पढ़े और उसके बाद सूरह इखलास यानि कुलहू अल्लाहु अहद वाली सुरह पढ़े 10 बार या कम से कम 3 बार और फिर रुकूअ सजदा करें खड़े हो जायें
Step 4. फिर बिस्मिल्लाह पढ़कर सुरह फातिहा पढ़े और उसके बाद सूरह इखलास यानि कुलहू अल्लाहु अहद वाली सुरह पढ़े 10 बार या कम से कम 3 बार और फिर रुकूअ सजदा करें बैठ जायें.
Step 5. इसके बाद तहिय्यात और दुरुद और दुआये मसूरह पढ़ कर सलाम फेर दें 2 रकअत नमाज मुकम्मल हो गई
Step 2. फिर सना पढ़े जो नमाज में पढ़ते हैं
Step 3. उसके बाद सुरह फातिहा पढ़े और उसके बाद सूरह इखलास यानि कुलहू अल्लाहु अहद वाली सुरह पढ़े 10 बार या कम से कम 3 बार और फिर रुकूअ सजदा करें खड़े हो जायें
Step 4. फिर बिस्मिल्लाह पढ़कर सुरह फातिहा पढ़े और उसके बाद सूरह इखलास यानि कुलहू अल्लाहु अहद वाली सुरह पढ़े 10 बार या कम से कम 3 बार और फिर रुकूअ सजदा करें बैठ जायें.
Step 5. इसके बाद तहिय्यात और दुरुद और दुआये मसूरह पढ़ कर सलाम फेर दें 2 रकअत नमाज मुकम्मल हो गई
अगर आप और पढ़ना चाहें तो इसी तरह दो दो रक्अत करके जितनी चाहें आप पढ़ सकते है और इस रात को खोदाये पाक की इबादतों रेयाजत में गुजारें फिर हर दो रकअत के बाद दुआ पढ़े तस्सबीह पढ़े बेहतर तस्बीह में तीसरा कलमा सौ मर्हतबा हर दो रकअत के बाद पढ़ ते जाएँ |
शब-ए-बरात की नमाज़ के बाद की दुआ में क्या पढ़े ?
शब-ए-बरात की नमाज़ के बाद की दुआ में आप कोई भी दुआ कर सकते हैं या आप जो नमाज में दुआ करते हैं वो भी कर सकते हैं लेकिन इस रात को आप अल्लाह ताअला से रो रो कर दुआए मगफिरत करें क्यूंकि इस रात में अल्लाह पाक ख़ास रहमते नाजिल फरमाता है और इस रात में दुआएं कुबूल भी होतोई है इस लिए दुआएं जरुर मांगें दुआओं दे तकदीर बदल जाती है ?
आश करते हैं ये जानकारी आपको अच्छी लगी होगी अगर अच्छी लागी है जरुर अपने दोस्तों और रिलेशन में शेयर करें टेक ओ भी इस रात का फायेदा उठायें और अल्ल्लाह पाक से दुआएं करें ?
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