Islami Articles
मासअला #17 बे इख्तियार क़ै हो गई तो थोड़ी हो या ज़्यादा रोज़ा ना टूटा ( हवाला दुर्रे मुख़्तार )
मासअला #18 बे इख्तियार क़ै हुई और खुद बखुद अंदर लौट गई तो रोज़ा ना टूटा चाहे थोड़ी हो या ज़्यादा रोज़ा याद हो या ना हो ( हवाला दुर्रे मुख़्तार )
मासअला #19 क़ै के ये अहकाम उस वक़्त हैं के क़ै में खाना आए या सफ़रा या खून और अगर बलग़म आया तो मुतलक़न रोज़ा ना टूटे गा ( हवाला आलम गिरी )
किन किन चीजों से रोजा टूट जाता है - What Are The Things That Break The Fast ?
किन किन चीजों से रोजा टूट जाता है - What Are The Things That Break The Fast ?
आप यहाँ पर जानेगे के रोजा किन किन चीजों से रोजा टूट जाता है और किन किन चीजों से रोजा नहीं टूटता और इस्लाम में रोजा के मसाइल क्या है इसकी तफसील जानेगे इस्लाम की मोअतबर किताबों के दलील के साथ
क्या हमबिस्तरी करने से रोजा टूटता है ? - Does having sex break the fast?
मासअला #1 :- खाने या पीने या जेमा करने से ( यानी बीवी के साथ हमबिस्तरी करने से) रोज़ा टूट जाता है जब के रोज़ा दार होना याद हो और अगर रोज़ा दार होना याद ना रहा और भूल कर खालिया या पीलिया या जेमा कर लिया ( यानी बीवी के साथ हमबिस्तरी कर लिया तो रोज़ा नहीं टूटेगा हवला ( हिदाया ,आलमगिरी ,क़ाज़ी खां ,वगैरह )
क्या पान खाने से हुक्का सिगरेट बीड़ी पिने से रोजा टूट जाता है
मासअला #2 :-पान या तम्बाकू सुरती यानि खैनी खाने से भी रोज़ा टूट जाता है अगर चे उसको थूक दें |इस लिए जब रोजे की हालत में हो तो इन सब चीजों का सेवन न करें अगर आपको खाने की आदत है तो इफ्तार के बाद खैनी या पान खा सकते हैं | इसी तरह अगर आप शक्कर चीनी गुड़ वगैरह ऐसी चीजें जो मुंह में रखने से गल जाती हैं मुंह में रखी और थूक निकल गया तो रोज़ा टूट जायेगा
मासअला #3 :- जी हाँ हुक्का हो या सिगरेट हो या बीड़ी हो और चर्ट सिगार वगैरह पीने से भी रोज़ा टूट जाता है
दांतों में चने के बराबर या खून निकल कर हलक में चला गया रोजा टुटा या नहीं ?
मासअला #4 :- दातों में कोई चीज़ चने के बराबर या उससे ज़्यादा थी उसे खा गया या कम ही थी मगर मुंह से निकाल कर फिर खाली तो रोज़ा टूट गया
मासअला #5 :- दातों से खून निकल कर हलक़ से नीचे उतरा और खून थूक से ज़्यादा या बराबर था कम था मगर उसका मज़ा हलक़ में मालूम हुआ तो इन सब सूरतों में रोज़ा टूट गया _और अगर खून कम था और मज़ा भी मालूम ना हुआ तो रोज़ा ना टूटा
कान में तेल या पानी या कुल्ली करने में हलक से उतर गया रोजा टुटा या नही ?
मासअला #6 :- हक्काना लिया या नथुनों में दावा चढ़ाई या कान में तेल डाला या तेल चला गया तो रोज़ा टूट गया - और अगर पानी कान में चला गया या डाला तो रोज़ा नहीं टूटा ( हवाला ,आलमगिरी ,और बहारे शरीयत, )
मासअला #7 :- कुल्ली कर रहा था बेला क़सद पानी हलक़ से उतर गया या नाक में पानी चढ़ा रहा था पानी दिमाग़ में चढ़ गया तो रोज़ा टूट गया लेकिन अगर रोज़ा होना भूल गया हो तो नहीं टूटे गा (आलम गिरी और बहारे शरीयत)|
मासअला #8 :- सोते में पानी पी लिया या कुछ खा लिया या मुंह खुला था और पानी का क़तरा या औला हलक़ में चला गया तो रोज़ा टूट गया ( हवाला ,आलमगिरी ,और बहारे शरीयत, )
अपना थूक निगल गया रोजा टुटा या नहीं ?
मासअला #9 :- दूसरे का थूक निगल गया या अपनी ही थूक हांथ पर लेकर निगल गया तो रोज़ा जाता रहा (आलम गिरी और बहारे शरीयत)
मासअला #10 :- मुंह में रंगीन डोरा रखा जिससे थूक रंगीन होगया फिर थूक निगल लिया तो रोज़ा टूट गया ( हवाला ,आलमगिरी ,और बहारे शरीयत, )
मासअला #11 :- आंसू मुंह में चला गया और निगल लिया अगर बूंद दो बूंद है तो रोज़ा ना गया और अगर ज़्यादा था के उसकी नमकीनी पूरे मुंह में मालूम हुई तो रोज़ा टूट गया _पसीने का भी यही हुक्म है ( हवाला ,आलमगिरी ,और बहारे शरीयत, )
मर्द ने औरत का बोसा लिया रोजा टुटा या नहीं ?
मासअला #12 :- मर्द ने औरत का बोसा लिया या छुआ या मोबाशिरत की या गले लगाया और इंज़ाल होगया तो रोज़ा जाता रहा और अगर औरत ने मर्द को छुआ और मर्द का इंज़ाल होगया तो रोज़ा ना टूटा _औरत को कपड़े के उपर से छुआ और कपड़ा इतना मोटा है के बदन की गर्मी मालूम ना हुई तो रोज़ा ना टूटा अगर चे इंज़ाल हो गया हो
मासअला #13 :-मोबालग़ा के साथ इस्तिंजा किया यहां तक के हक़्क़ना रखने की जगह तक पानी पहुंच गया तो रोज़ा टूट गया _ और इतना मोबालग़ा चाहिए भी नहीं के उसे सख़्त बीमारी का अंदेशा है
हवाला (दुर्र मुख़्तार और बहारे शरीयत)
औरत ने शर्म गाह में तेल या पानी टपकाया तो रोज़ा टुटा या नहीं
मासअला #14 मर्द ने पेशाब के सुराख में पानी या तेल डाला तो रोज़ा ना टूटा चाहे मसाना तक पहुंच गया हो - और अगर औरत ने शर्म गाह में तेल या पानी टपकाया तो रोज़ा टूट गया (( हवाला आलम गिरी और बहारे शरीयत )मासअला #15 औरत ने पेशाब के मक़ाम में रूई या कपड़ा रख्खा और बिल्कुल बाहर ना रहा तो रोज़ा टूट गया _और सुखी उंगली किसी ने पाखाना के मक़ाम में रख्खी या औरत ने शर्म गाह में रख्खी तो रोज़ा ना टूटा और अगर उंगली भीगी थी या उस पर कुछ लगा था तो रोज़ा टूट गया _जब के पाखाना के मक़ाम में उस जगह रख्खी हो जहां अमल देते वक़्त हक़्क़ना का सारा रखतें हैं (( हवाला अलम गिरी दुर्रे मुख़्तार और बहरे शरीयत )
क़सदन भर मुंह क़ै की तो रोज़ा टुटा या नहीं
मासअला #16 क़सदन भर मुंह क़ै की और रोज़ा दार होना याद है तो रोज़ा टूट गया और अगर मुंह भर से कम की तो रोज़ा ना टूटा (हवाला दुर्रे मुख़्तार इसके आलावा)
मासअला #17 बे इख्तियार क़ै हो गई तो थोड़ी हो या ज़्यादा रोज़ा ना टूटा ( हवाला दुर्रे मुख़्तार )
मासअला #18 बे इख्तियार क़ै हुई और खुद बखुद अंदर लौट गई तो रोज़ा ना टूटा चाहे थोड़ी हो या ज़्यादा रोज़ा याद हो या ना हो ( हवाला दुर्रे मुख़्तार )
मासअला #19 क़ै के ये अहकाम उस वक़्त हैं के क़ै में खाना आए या सफ़रा या खून और अगर बलग़म आया तो मुतलक़न रोज़ा ना टूटे गा ( हवाला आलम गिरी )
रमजान में खुले आम खाने वाले की क्या सजा है
मासअला # 20 रमज़ान में बेला उज़र जो शख्स एलानिया खाए पीए तो हुक्म है के उसे क़त्ल किया जाए ) लेकिन ये वहां के लिए है जहाँ इस्लामी हुकूमत हो जहाँ इस्लामी हुकुमत न हो तो ये आम आदमी का इख्तेयार नहीं के किसी को भी कतल करदे ( हवाला दुर्रे मुख़्तार ) और बहांरे शरीयत)
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